शायद आप सोबरन को न जानते हों, लेकिन विष पुरुष से आपमे से कुछ का परिचय जरूर होगा। साल के शुरुआत में टीवी चैनलों पर सांपों से खुद को डंसवाते एक आदमी की सनसनीखेज तस्वीरें। याद आईं न। इस घटना के कुछ ही दिन बाद सोबरन की मौत हो गई थी। लेकिन उसकी मौत खबर नहीं खबर बनी। मैने यह लेख तभी लिखा था। कुछ ताजा प्रसंगों के साथ इसे आपके सामने पेश कर रहा हूं।
सांपों से खेलना बस उसका शौक था। मीडिया ने उसे नाम दिया विष पुरुष। वह अचानक लाइम लाइट में आ गया। कल तक सांपों से खेलने वाला विष पुरुष यानी सोबरन अब मीडिया के हाथों खेलने लगा। उसका शौक अब तक ग्लैमर बन चुका था। और कैमरे की चकाचौंध के बीच ज्यादा से ज्यादा सांपों से खुद से डंसवाना जुनून। कुछ मीडियाकर्मियों ने उसे इसके लिए उकसाया भी। जिससे की स्टोरी के लिए कुछ सनसनाते हुए विजुअल्स मिल सकें।
कई बार मना करने के बाद भी कुछ मीडियाकर्मियों द्वारा लाए गए ब्राउन कोबरा से उसने खुद को डंसवाया और चंद घंटे बाद उसकी मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के एटा जिले के एक छोटे से कस्बे में सोबरन की मौत ने मीडिया की भूमिका पर एक बार फिर सवाल कर दिए हैं। सोबरन की मौत के लिए जिम्मेदार मीडियाकर्मियों पर उंगली तक नहीं उठी। प्राइम टाइम में टीवी चैनलों पर छाए सोबरन की मौत की खबर अंदर के पेज पर एक कॉलम में सिमट कर रह गई।
सोबरन का मामला एक बानगी भर है। आज जनसत्ता मे छपी खबर को ही लें। दिल्ली में एक विधवा महिला ने दो टीवी चैनलों के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उसका कहना है कि उसके पति की मौत ट्रेन से गिरकर हुई थी। लेकिन टीवी चैनलों ने उसके ससुर के सात मिलकर इस मामले को सनसनीखेज तरीके से पेश कर उसका चरित्र हनन किया। टीवी चैनलों के क्राइम शो में महज रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जिस तरह से आरोपी का पोस्टमार्टम कर दिया जाता है, शायद उसका असर जानने की किसी ने कोशिश की हो।